बड़ौदा खुर्द जलाशय निर्माण शुरू: बरसों बाद किसानों का सपना साकार, 1980 हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित

कवर्धा। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित बड़ौदा खुर्द जलाशय का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। यह परियोजना न केवल क्षेत्र के हजारों किसानों के लिए जीवनदायिनी बनेगी, बल्कि जल संरक्षण के क्षेत्र में भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि साबित होगी। वर्षों से इस जलाशय का सपना संजोए किसानों के लिए यह एक बड़ी सफलता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘जल शक्ति अभियान’ के तहत इस परियोजना को विशेष प्राथमिकता दी गई है। इसके साथ ही, छत्तीसगढ़ सरकार और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रयासों से यह योजना धरातल पर उतर रही है।
जलाशय निर्माण से किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
बड़ौदा खुर्द जलाशय के निर्माण से 8 गांवों के सैकड़ों किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, यह जलाशय जल संरक्षण और भूजल स्तर सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्य नहर और माइनर नहरों के माध्यम से 1980 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे किसान अधिक पैदावार कर सकेंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने किया निर्माण कार्य का निरीक्षण
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने बड़ौदा खुर्द जलाशय निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और अधिकारियों को गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों और निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर कार्य की समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कहा,
“यह केवल एक बांध नहीं, बल्कि किसानों की आशाओं और वर्षों के संघर्ष का परिणाम है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि यह परियोजना उच्च गुणवत्ता के साथ और तय समयसीमा में पूरी हो। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता, एसडीओ, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, जिला पंचायत सदस्य श्री ईश्वरी साहू, रवि साहू सहित अन्य अधिकारी एवं किसान उपस्थित थे।
जलाशय की महत्वपूर्ण विशेषताएं
विवरण | आंकड़े |
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प्रशासकीय स्वीकृति | ₹89.70 करोड़ |
बांध की कुल लंबाई | 720 मीटर |
बांध की ऊँचाई | 25 मीटर |
जलभराव क्षमता | 8.4 मिलियन क्यूबिक मीटर |
बांध का कुल क्षेत्रफल | 96.72 हेक्टेयर |
सिंचाई क्षमता | 1980 हेक्टेयर |
लाभान्वित गांव | 8 गांवों के सैकड़ों किसान |
कलेक्टर के कड़े निर्देश: गुणवत्तापूर्ण और शीघ्र निर्माण सुनिश्चित करें

कलेक्टर श्री वर्मा ने निर्माण कार्य में गति लाने और संसाधनों को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बांध निर्माण कार्य किसी भी स्थिति में नहीं रुकना चाहिए। सभी अधिकारी नियमित निरीक्षण करें और निर्माण कार्य की सतत मॉनिटरिंग करें।
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी, किसानों को मिलेगा मुआवजा
बांध निर्माण के लिए 31.39 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। 13 किसानों की भूमि परियोजना में आई है, जिसके लिए मुआवजा तय कर दिया गया है। कलेक्टर ने तहसीलदार को निर्देश दिए कि प्रभावित किसानों को शीघ्र मुआवजा वितरित किया जाए और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी किसी भी समस्या का त्वरित समाधान किया जाए।
मुख्य नहर के साथ माइनर नहरों का भी होगा निर्माण

बांध का पानी अधिकतम किसानों तक पहुंचे, इसके लिए माइनर नहरों (छोटी नहरों) के लिए भी सर्वेक्षण किया जा रहा है। इससे वे किसान भी लाभान्वित होंगे, जिनकी जमीन मुख्य नहर से दूर स्थित है।
सरकार और किसानों के साझा प्रयास से संभव हुआ जलाशय का निर्माण
बड़ौदा खुर्द जलाशय का निर्माण किसानों की एकजुटता और सरकार की दूरदर्शी नीति का नतीजा है। वर्षों तक किसानों ने इस परियोजना के लिए संघर्ष किया, और अब यह ऐतिहासिक परियोजना हकीकत बनने जा रही है।
इस परियोजना का उद्देश्य केवल सिंचाई सुविधा प्रदान करना ही नहीं, बल्कि जल प्रबंधन और कृषि विकास को भी बढ़ावा देना है। यह जलाशय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सहायक सिद्ध होगा।
जलाशय निर्माण से होंगे ये बड़े फायदे
✅ सिंचाई सुविधा का विस्तार:
इस जलाशय से 8 गांवों के सैकड़ों किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। मुख्य और माइनर नहरों के माध्यम से 1980 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी।
✅ भूजल स्तर में सुधार:
बांध से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र का भूजल स्तर बेहतर होगा। यह भविष्य में पेयजल संकट से निपटने में भी मददगार होगा।
✅ कृषि उत्पादकता में वृद्धि:
सिंचाई सुविधा बढ़ने से किसान दोहरी फसल प्रणाली को अपनाकर अपनी उपज बढ़ा सकेंगे।
✅ सूखा प्रभावित क्षेत्रों को राहत:
इस जलाशय से आसपास के सूखा प्रभावित इलाकों को राहत मिलेगी, जिससे कृषि पर निर्भर हजारों लोगों को लाभ होगा।
✅ मत्स्य पालन और ग्रामीण विकास:
बांध निर्माण के बाद मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
“सिंचित खेत, खुशहाल किसान” – किसानों के सपने हो रहे साकार
छत्तीसगढ़ सरकार की सिंचाई और जल संरक्षण नीति के तहत बड़ौदा खुर्द जलाशय जैसी परियोजनाएं किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होंगी। कलेक्टर श्री वर्मा के नेतृत्व में इस परियोजना को तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह जलाशय न केवल कबीरधाम जिले की कृषि अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि जल संकट से निपटने और पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगा। वर्षों से इसका इंतजार कर रहे किसानों के लिए यह परियोजना किसी सपने के साकार होने जैसी है।